मनो इच्छित फळ देणारी माँ बंगला मुखी माई चे दर्शनाने जीवन धन्य होते,
कलम भूमी, कल्याण प्रतिनिधी ,मी अनेक वर्षा पासून बंगला मुखी ची उपासना करत असताना मला विविध प्रकारााच्या समस्या तुन मार्ग मोकळा करण्याचे सामर्थ्य मिळत गेले व माझा विश्वास माँ बंगला मुखी वर पूर्ण बसत गेला आहे, व आज मी जे काही आहे ,त्याच्या मागे माँ बंगला मुखी माई चा आशीर्वाद आहे,यात शंका नाही,आज मी व माझे जिव लग जे माझे गोड फादर आहेत यांनी माँ बंगला मुखी माई चे दर्शन घेण्याची इच्छा व्यक्त केली व अचानक माँ बंगला मुखी माई चे दर्शन घेण्या साठी नागपूर ते मध्य प्रदेशातील नल खेडा येथील माँ बंगला मुखी चे शक्ती पीठ गाठले , व जीवन धन्य झाले,
माँ बंगला मुखी संदर्भात काही ठळक व थोडक्यात माहिती देत आहे,मनो इच्छित फळ देणारी माँ बंगला मुखी माई चे दर्शनाने जीवन धन्य होते,
"माँ बगलामुखी" एक देवी का नाम है, जो हिंदू धर्म में पूजनीय हैं। बगलामुखी जयंती 14 मई को मनाई जाती है। मंदिर:
- नलखेड़ा, मध्य प्रदेश में माता बगलामुखी का एक प्रसिद्ध मंदिर है।
- यह मंदिर लखुंदर नदी के किनारे स्थित है।
- इस मंदिर में देशभर से साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते हैं।
- ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा॥मां बगलामुखी देवी के 4 विशेष दुर्लभतम मंत्रमां बगलामुखी देवी के समस्त मंत्र दुर्लभतम हैं। इन मंत्रों के प्रयोग भी अन्य प्रयोग से जरा हटकर होते हैं। पीले वस्त्रों में मां बगलामुखी के ये 4 मंत्र पढ़ेंगे तो दुनिया की कोई शक्ति पराजित नहीं कर सकेगी आइए डालें एक नजर मंत्रों पर....मां बगलामुखी का विशेष मंत्रॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:इस मंत्र से सभी काम्य प्रयोग संपन्न किए जाते हैं। जैसे...मधु, शर्करा युक्त तिलों से होम करने पर मनुष्य वश में होते है।मधु, घृत तथा शर्करा युक्त लवण से होम करने पर आकर्षण होता है।तेल युक्त नीम के पत्तों से होम करने पर विद्वान बनते हैं।रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें।दक्षिण दिशा की और मुख रखें।मां बगलामुखी का शत्रु नाशक मंत्रअगर शत्रुओं नें जीना दूभर कर रखा हो, कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्करों से तंग हो गए हों, शत्रु चैन से जीने नहीं दे रहे, प्रतिस्पर्धी आपको परेशान कर रहे हैं तो देवी के शत्रु नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए।नारियल काले वस्त्र में लपेट कर बगलामुखी देवी को अर्पित करेंमूर्ति या चित्र के सम्मुख गुगुल की धूनी जलाएं।रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें।


